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विश्व रंगमंच दिवस पर रंग यात्रा विशेष

  • लेखक की तस्वीर: A1 Raj
    A1 Raj
  • 26 मार्च
  • 2 मिनट पठन

विश्व रंगमंच दिवस पर रंग यात्रा विशेष *सुनील सोगण रंगमंच के लिए समर्पित जुनूनी कलाकार शिक्षा में रंगमंच व रंगमंच के विकास के लिए कर रहे हैं कार्य* *जब बढ़े कदम

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पिता स्वर्गीय गोपाल लाल सोगण तथा माता गीता देवी की संतान सुनील सोगण विद्यालय स्तर से ही अभिनय में रुचि के फलस्वरुप स्थानीय, जिला, राज्य, और राष्ट्रीय स्तर पर नाटकों क्षेत्रीय नाटकों जैसे श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव, दशहरा व सामाजिक मुद्दों पर अभिनय किया। सुनील की प्रारंभिक शिक्षा चोमूं में सरस्वती सीनियर सेकेंडरी विद्यालय, ब्राइट मून सीनियर सेकंडरी विद्यालय, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चौमूं में हुई।

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जयपुर के राजस्थान महाविद्यालय से अनेकों नुक्कड़ नाटकों का मंचन व अभिनय, मुकाभिनय , मोनो एक्टिंग विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिताओं में भाग लिया व विजेता रहे।इसके अतिरिक्त पीजी डिप्लोमा इन नाट्यकला व नाट्यकला में एम.ए.गोल्ड मेडलिस्ट राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर । इसके अतिरिक्त शिक्षा शास्त्री व संस्कृत में एम.ए. संस्कृत की उपाधि प्राप्त की ।

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अनेक मशहूर हस्तियों द्वारा रंगमंच की विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त सुनील सोगण ने नाट्य लेखन, निर्देशन, अभिनय, मेकअप, सेट डिजाइन आदि क्षेत्रों में काम किया। अभिनय के क्षेत्र में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ,राष्ट्रीय,राज्य स्तरीय अंतर महाविद्यालय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं में आपने अभिनय में श्रेष्ठ पुरस्कार प्राप्त किया *मशहूर नाटककारों से प्रशिक्षण*- मुकाभिनय कला के पदम श्री निरंजन गोस्वामी ,वरिष्ठ रंगकर्मी सरताज नारायण माथुर, अंतरराष्ट्रीय स्टेज लाइट डिजाइनर डॉ.बी राममूर्ति, फिल्म अभिनेता इरफान खान के गुरु डॉ.रवि चतुर्वेदी, नाट्य विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ.अर्चना श्रीवास्तव, फिल्म अभिनेता रामजी बाली, जयपुर के वरिष्ठ रंगमंच कलाकार जफर खान, शहजोर अली, चंद्रदीप हाड़ा , अनिल मारवाड़ी ,आसिफ शेर अली खान आदि से अभिनय की बारीकियाँ सीखी।

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विशेष नाटकों में अभिनय* मत रो बालिग राम, ओथेलो, ईदगाह, दहेज बिन दूल्हा ना भाये, सफेद ज्वारा, राम सेतु, सारे जमीन पे, एकलव्य ने गुरु को अंगूठा दिखाया ,आजाद की शहादत आदि सैकड़ों नाटकों व नुक्कड़ नाटकों में अभिनय किया *आगे बढ़ते जाना है* सुनील सोगण का मुख्य उद्देश्य गांवों में रंगमंच को बढ़ावा देना व शिक्षा में रंगमंच को बढ़ावा देना है यह समय-समय पर बच्चों के लिए रंगमंच कार्यशाला का आयोजन करते रहते हैं यह वर्तमान में चोमू स्थित श्री गीतागोपाल नाट्यकला संस्थान का संचालन करते हैं इस संस्थान की स्थापना इन्होंने अपने पूजनीय पिताजी स्वर्गीय श्री गोपाल लाल सोगण की स्मृति में 9 जनवरी 2015 को की थी। इस संस्थान के द्वारा सुनील ने शिक्षा में रंगमंच अभियान संचालित कर रखा है इस संस्थान के माध्यम से सुनील ने अब तक 48000 से ज्यादा सरकारी विद्यालयों व कच्ची बस्ती के बच्चों को निशुल्क रंगमंच का प्रशिक्षण दे चुके हैं ।

सामाजिक समस्याओं को लेकर विद्यालयों महाविद्यालयों में जाकर एकल नाटक खुद के द्वारा प्रस्तुत करते हैं बल्कि रंगमंच, कला, साहित्य संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम करने वाले व अन्य लोक कलाकारों को गांव गांव शहर शहर जाकर सम्मानित भी कर रहे हैं स्वयं को रंगमंच का विद्यार्थी मानने वाले सुनील सोगण की नाट्य यात्रा जारी है।

 
 
 

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