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डाॅ.कैलाश चंद्र बुनकर को कला संस्कृति सम्मान 2025 से सम्मानित किया

  • लेखक की तस्वीर: A1 Raj
    A1 Raj
  • 5 अप्रैल
  • 1 मिनट पठन

डाॅ.कैलाश चंद्र बुनकर को कला संस्कृति सम्मान 2025 से सम्मानित किय


चौमूं । श्री गीतागोपाल नाट्यकला संस्थान चौमूं के तत्वावधान में डॉ.कैलाश चंद्र बुनकर प्राचार्य राजकीय लक्ष्मीनाथ शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय चीथवाड़ी को महाविद्यालय प्रांगण में कला संस्कृति सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। बुनकर जी को यह सम्मान संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने एवं समुन्नयन में उल्लेखनीय योगदान के लिए के लिए दिया गया । साथ ही रंगमंच कला को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में इनका बहुमूल्य योगदान रहा है।

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यह सम्मान संस्थान अध्यक्ष रंगमंच कलाकार गोल्ड मेडलिस्ट सुनील सोगण ने प्रदान किया । सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र राजस्थानी साफा ,शाॅल, श्रीफल दिया गया। इस सुंदर अवसर पर प्राचार्य महोदय ने रंगमंच कलाकार सुनील सोगण का धन्यवाद ज्ञापित किया। रंगमंच कलाकार सुनील सोगण अब तक 90 से अधिक कलाकारों को समाजसेवीयों पर्यावरणसेवीयों के क्षेत्र में काम करने वालो को घर घर जाकर सम्मानित कर चुके हैं सोगण का मुख्य उद्देश्य है गांवो में रंगमंच का विकास व रंगमंच का संरक्षण करना है शिक्षा में रंगमंच के तहत विद्यालयों व महाविद्यालयों में रंगमंच कार्यशाला लगाते रहते हैं। सामाजिक मुद्दों व अंधविश्वास पर नाटकों का मंचन करते रहते हैं। कला संस्कृति साहित्य के लिए काम कर रहे और अपनी कला की यात्रा जारी रखे हुए है।

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इस अवसर पर वरिंदर भट्टाचार्य,मनीष कुमार शर्मा, सुरेश कुमार वर्मा, डॉ. ईश्वर दास शर्मा, महेश कुमार शर्मा ,हंसराज दोतोलिया मंजू रैगर, शक्ति सिंह आदि महाविद्यालय के शिक्षकगण व महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।

 
 
 

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